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रवीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (1861-1941) 

कोलकाता के सुप्रसिद्ध ठाकुर परिवार में जन्म ।

भारतीय संस्कृति के पुरोधा, विश्व मानवता के संवाहक, गीतांजलि (Song Offerings-1912) के लिए 1913 में साहित्य के 'नोबल पुरस्कार' से सम्मानित । साहित्य की विविध विधाओं-काव्य, नाटक, गीत, उपन्यास, कहानी आदि के रचयिता। शान्तिनिकेतन में 'ब्रह्मचर्याश्रम' (1901) तथा 'विश्वभारती' (1922) के प्रतिष्ठाता । श्रीनिकेतन में कृषि-शिक्षा एवं ग्राषीण विकास की गतिविधियों द्वारा भारत के समुचित विकास का दिशा निर्धारण ।